यह जीने और मरने के लिए मजेदार और उबाऊ है: व्लादिमीर शुमिलोव का उपन्यास
व्लादिमीर शुमिलोव द्वारा हंसमुख और मरने वाला दोनों उबाऊ नहीं है" एक उपन्यास है जो पाठक को दार्शनिक प्रतिबिंब और जीवन हास्य की दुनिया में विसर्जन प्रदान करता है। पुस्तक का कथानक एक ऐसे चरित्र के इर्द-गिर्द घूमता है जो अपनी कठिनाइयों और अंत की अनिवार्यता के बावजूद, जीवन में ही आराम और आनंद पाता है। शुमिलोव उत्कृष्ट रूप से कॉमिक और दुखद तत्वों को जोड़ ता है, एक ऐसा काम बनाता है जो आपको जीवन के अर्थ और अपरिहार्य की स्वीकृति के बारे में सोचता है। उपन्यास जीवंत विवरणों, मजाकिया संवादों और मानव भाग्य पर गहरे प्रतिबिंबों से भरा है।